This is a poetic tribute to Sachin Tendulkar and a generation that loved him
एक जमान था जब हम २ सवाल पूछा करते थे
एक ‘स्कोर क्या हुआ है’ और दूसरा ‘तेंदुलकर है’ ?
आज तेंदुलकर नहीं तो पहला सवाल पूछने का मन ही नहीं करता
और इंडिया कितने भी रन बना ले , आजकल हमारा दिल नहीं भरता !!
तुम क्या जानो के तेंदुलकर हमारे लिए क्या था
हमेशा की डूबती हुई नय्या का वो एक ही तो सहारा था…
तेंदुलकर हमारा ख्वाब और हमारी सच्चाई भी था
और क्या बताऊ तुम्हे वो हमारे दर्द की वजह और हमारी ख़ुशी का इन्तेजाम था!!
तेंदुलकर के रिटायर होने पे तुम खुश हो सकते हो
तुम्हारे पास द्रविड़, गांगुली, लक्ष्मण, धोनी, युवराज, रैना जो थे…
पर हमे माफ़ करना, हम गम छुपा नहीं सकते
क्यों की आज की दुनिया मैं अब और तेंदुलकर नहीं बनते !!
तुम क्या जानो के तेंदुलकर हमारे लिए क्या था
वो हमारे सब सवाल और सब सवालों का जवाब था…
सच कहेता हु यारों दुनिया के हजारों Goliath थो के लिए
हमारे पास हमेशा वो सिर्फ एक ही तो davidथा!!
सुरेन्द्र
दिसम्बर २०१२
5 reasons why I do not want to read Tendulkar’s autobiography … ever… – Surendra's World - Sports, Politics, Poetry .....